- बिना किसी आधार के बना यह महल विश्व का सबसे ऊँचा महल है।
- हवा के सामने की तरफ कोई प्रवेश द्वार नही है। यदि आपको अंदर जाना है तो आपको पिछले भाग से जाना होंगा।
- हवा महल में कुल पाँच मंजिले है और आज भी यह महल सफलता से अपनी जगह पर 87 डिग्री के एंगल में खड़ा है।
- हवा महल “पैलेस ऑफ़ विंड्स” के नाम से भी जाना जाता है।
- हवा महल में कुल पाँच मंजिले है।
- हवा महल में कुल 953 खिड़कियाँ है जो महल को ठंडा रखती है।
- जयपुर के सभी शाही लोग ईस महल का उपयोग गर्मियों में आश्रयस्थल की तरह करते है।
- हवा महल को लाल चंद उस्ताद ने डिज़ाइन किया था।
- यह महल विशेषतः जयपुर की शाही महिलाओ के लिये बनवाया गया था।
- इस महल को बनाने का उद्देश्य शाही महिलाओ को बाज़ार और महल के बाहर हो रहे उत्सवो को दिखाना था।
- एक एकमात्र ऐसा महल है जो मुगल और राजपूत आर्किटेक्चरल स्टाइल में बना हुआ है।
- यह महल बहोत से भारतीयो और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मो का पसंदीदा शूटिंग स्पॉट बना हुआ है।
- हवा महाल में ऊपरी मंजिल में जाने के लिए केवल ढालू रास्ता है, वहाँ ऊपर जाने के लिये कोई सीढ़ी नही बनी है।
- महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में हवा महल को बनवाया था।
- इसकी पाँच मंजिले पिरामिड के आकार में बनी हुई है जो उसकी ऊँचे आधार से 50 फ़ीट बड़ी है।
- हवा महल की भगवान श्री कृष्ण के राजमुकुट के आकार का बनाया गया है।
- हवा महल के खिड़कियों की जाली चेहरे पर लगे परदे का काम करती थी।
- हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरो से बनाया गया है।
हवा महल की रोचक बाते – Interesting facts about Hawa Mahal