शाह आलम द्वितीय 1759 में आलमगीर द्धितीय के उत्तराधिकारी के रुप में मुगल सिंहासन की गद्दी पर बैठा था।
बादशाह शाहआलम द्धितीय ने अपने शासनकाल में ईस्ट इंडिया कंपनी से इलाहाबाद की संधि कर ली थी और इस संधि के मुताबिक वह ईस्ट इंडिया कंपनी से मिली पेंशन पर अपना जीवन-यापन करता था।
शाह आलम द्धितीय के शासनकाल के दौरान ही अहमद-शाह-अब्दाली ने आक्रमण किया था।
ऐसा माना जाता है कि शाह आलम द्धितीय का शासनकाल भारतीय इतिहास का सबसे संकटग्रस्टकाल रहा है। इस समय ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के बंगाल, बिहार, उड़ीसा समेत कई राज्यों पर अपना प्रभुत्व जमा चुकी थी और मुगलों की शक्ति पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी थी।